shivling pooja करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि आप सभी यह जानते हैं शिव वह देवता हैं जो पल भर में प्रसन्न हो जाते हैं | तथा थोड़ी सी भी गलती में शिव का भयंकर प्रकोप झेलना पड़ सकता है तथा गलत विधि से पूजा करने से शिव नाराज हो सकते हैं|
शिवलिंग की महिमा–
शिवलिंग को भगवान् शिव का निराकार स्वरूप माना जाता है, और शिव की पूजा में शिवलिंग की सर्वाधिक मान्यता बताई गई है!शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों समाहित होते हैं , तथा शिवलिंग की उपासना करने से दोनों की उपासना मानी जाती है||
शास्त्रों में विभिन्न प्रकार की शिवलिंग की पूजा करने का प्रावधान बताया गया है!!!!
- स्वयंभू शिवलिंग
- नर्वदेश्वर शिवलिंग
- जनेऊ धारी शिवलिंग
- पारद शिवलिंग
- सोने चांदी के शिवलिंग
आइए जाने शिवलिंग की पूजा के कुछ खास नियम-
- शिवलिंग की पूजा हमेशा उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके करना चाहिए उत्तर दिशा की तरफ पीठ करके कभी भी शिवलिंग की पूजा ना करें क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उत्तर दिशा में मां पार्वती का वास होता है इसलिए मां पार्वती की तरफ पीठ करके कभी भी शिवलिंग की पूजा ना करें यह मां पार्वती का अपमान माना जाता है!
- शिवलिंग पर भूलकर भी कभी आप कुमकुम या हल्दी अर्पित ना करें क्योंकि कुमकुम और हल्दी महिलाएं अपने श्रृंगार के लिए इस्तेमाल करती हैं और हमारे शिव का सिंगार तो आप सभी जानते हैं केवल भस्म में होता है और भस्म शिव को सर्वाधिक प्रिय है!
- शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चाहे वह नारियल हो , रोट हो पंजीरी हो या आपने जो कुछ भी शिवलिंग पर अर्पित किया है , उसे कभी भी आपको ग्रहण नहीं करना चाहिए , क्योंकि कहा जाता है शिव जी के मुख से एक चण्डेश्वर नामक राक्षस का गण प्रगट हुआ था | और चण्डेश्वर भूत-प्रेत का गण माना जाता है , इसलिए शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चण्डेश्वर नामक गण का जूठा माना जाता है!
- प्रसाद का क्या करें- शिव को अर्पित किया हुआ प्रसाद गाय चिड़िया आदि पशु पक्षियों को डाल दें पर भूलकर भी खुद ग्रहण ना करें!
- शिवलिंग पर कभी भी जूही , कदंब ,ketki , kewada के फूल अर्पित नहीं करना चाहिए तथा भूलकर भी तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए शिवलिंग पर हमेशा शमी के फूल , मदार , बेला तथा सबसे प्रिय बेलपत्र जरूर अर्पित करना चाहिए!
- शिवलिंग का अभिषेक कभी भी शंख से नहीं करना चाहिए , क्योंकि शिव ने एक शंखचूर्ण नामक राक्षस का वध किया था | इसलिए भूल कर भी शिव का अभिषेक शंख से ना करें!
- शिवलिंग को हमेशा शुभ मुहूर्त पर ही घर में लाना चाहिए , तथा शिव को कभी भी बिना आमंत्रण के घर में नहीं लाना चाहिए | जब भी आप से शिवलिंग को लेने जाए तो मन ही मन उन्हें आमंत्रण दे , और उन्हें अपने घर आने के लिए कहें और घर से थैला लेकर जाएं उसमें थोड़े से चावल और सफेद फूल डालकर ले जाएं फिर उसी थैले में शिवलिंग को घर लाए और उनका विधिवत स्थापना करें!
प्रतिदिन की shivling pooja विधि-
जब प्रभु आपके घर आ जाएं तब आप कोशिश करें कि प्रभु की पूजा प्रतिदिन करें , अगर घर की महिलाएं मासिक धर्म में हो तो घर के पुरुषों को प्रभु की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए | अगर पुरुष कहीं बाहर हो तो बच्चों से ही पूजा करवाएं पर पूजा प्रतिदिन करें!
- वैसे तो भोलेनाथ एक लोटा जल में भी प्रसन्न हो जाते हैं , पर अगर आप चाहे तो उनका अभिषेक पंच द्रव से प्रतिदिन कर सकते हैं | पंच द्रव्य जैसे दही गंगाजल , शहद , दूध , चीनी से कर सकते हैं | पर ध्यान रखें कि पंच द्रव्य से अभिषेक करने के बाद अंत में जल से अभिषेक जरूर करें ||
- शिव की पूजा हमेशा शिव परिवार के साथ ही करनी चाहिए , तथा साथ में नंदी बैल अवश्य हो varna नंदी बैल के bina आपकी मनोकामना कभी भी पूरी नहीं हो सकती है | नंदी ही तो है जो आपकी मनोकामना भगवान से पहुंचाते हैं , इसलिए शिव परिवार के साथ पूजा घर में नंदी भी अवश्य होना चाहिए |
- प्रतिदिन आप शिवलिंग की पूजा साधारण रूप से कर सकते हैं , पर अगर हो सके तो सोमवार के दिन शिव की पूजा विधि विधान से करना चाहिए | अगर कुछ ना कर सके तो शिवलिंग का अभिषेक कच्चा दूध , सुगंध , गन्ने का रस , चंदन , दही , गंगाजल आदि से जरूर करें |
- शिवलिंग पर जल या दूध हमेशा एक धारा में ही डालना चाहिए , तथा ठोस पदार्थ को दोनों हाथों में लेकर अर्थात दोनों हाथ लगाकर ही चढ़ाएं |
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