Pujapath 2025: प्रतिदिन पूजा करने के कुछ खास नियम इससे मिलेगी आपको प्रभु की कृपा !!

प्रतिदिन Pujapath 2025 करना जरूरी होता है , पर प्रतिदिन पूजा करने के कुछ नियम होते हैं जिसे जानना बहुत जरूरी होता है | तथा इन नियमों का पालन करना भी बहुत आवश्यक होता है , अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो , घर पर बरकत नहीं होती है , तथा घर में अशान्ति बनी रहती है | और आपको अपने पूजा का फल नहीं मिलता इसलिए कुछ नियम है जिनका पालन करना बहुत ही आवश्यक होता है!!!!

आइए जाने pujapath 2025 के कुछ नियम :

घर का मंदिर :-

मंदिर का स्थान-मंदिर का स्थान हमेशा ईशान कोण होता है , घर पर मंदिर की स्थापना हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व के कोने में होना चाहिए , तथा मंदिर को कभी भी अपने बेडरूम या किचन में स्थापित नहीं करना चाहिए | बेडरूम या किचन में मंदिर को स्थापित करना वास्तु शास्त्र के हिसाब से दोष माना जाता है , तथा घर का मंदिर हमेशा लकड़ी का होना चाहिए ||

Pujapath में आसन का बहुत बड़ा महत्वा होता है | –

जब भी आप पूजा कर रहे हो तो हमेशा पूजा करते समय आसन बिछाकर तथा बैठ कर के ही पूजा करें , खड़े होकर कभी भी पूजा ना करें , तथा मंदिर में भगवान के लिए आसन जरूर बिछाए और वह आसन लाल या पीले रंग का ही होना चाहिए , काला और नीला रंग पूजा पाठ में वर्जित होता है | तथा पूजा करने के लिए आपके कपड़े धुले हुए तथा स्वच्छ होने चाहिए , और पूजा करते समय कभी भी अपने बालों को खोलकर ना रखें बाल बांध कर ही पूजा करें , तथा पूजा के आसन को कभी भी पैर से ना खींचे यह पूजा के लिए दोष माना गया है |

धूप या अगरबत्ती-

सभी लोग पूजा में हमेशा अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन पूजा में अगरबत्ती का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए | क्योंकि अगरबत्ती में बांस का उपयोग होता है और हमारे हिंदू धर्म में पूजा के लिए बांस का उपयोग वर्जित है , इसलिए पूजा करने के लिए हमेशा धूप का इस्तेमाल करें |

Pujapath

दीपक जलाने के नियम-

भगवान के मंदिर में दीपक जलाते समय यह बात जरूर ध्यान में रखना चाहिए कि दीपक हमेशा साफ सुथरा हो दीपक कभी भी काला या मैला नहीं होना चाहिए दीपक हमेशा साफ करके या रोज धुल के ही पूजा में इस्तेमाल करें , तथा पूजा करते समय धूप ही जलाकर बस पूजा ना करें क्योंकि धूप केवल सुगंध के लिए इस्तेमाल होता है , जबकि दीपक हमें सीधा भगवान से जोड़ता है तथा दीपक जलाने के बाद हाथ अवश्य धोएं अगर आपने दीपक घी का जलाया हो तो मंदिर के दाएं तरफ रखे तथा तिल के तेल का दीपक हो तो मंदिर के बाएं तरफ ही जलाएं तथा दीपक के नीचे थोड़े से चावल का आसन जरूर दें ||||

जल चढ़ाने के नियम-

देवताओं के लिए भरे हुए जल में कभी भी आपको अपने नाखून नहीं डुबाना चाहिए नाखून लगा हुआ जल अशुद्ध माना जाता है और अशुद्ध जल भगवान को अर्पित नहीं करना चाहिए तथा शास्त्रों के अनुसार बासी जल नहीं चढ़ाना चाहिए अगर आपकी कोई मजबूरी हो आपके पास बासी जल ही हो चढ़ाने के लिए तो आप उसमें एक तुलसी का पत्र या थोड़ा गंगाजल डालकर भगवान का पूजन कर सकते हैं क्योंकि जल के बिना देवताओं की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है इसलिए पूजा में जल का होना आवश्यक है!

पुष्प चढ़ाने के नियम-

भगवान को कभी भी बांसी पुष्प अर्पित ना करें तथा जल में डूबा हुआ पुष्प भी भगवान को कभी नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि जल में डूबा हुआ पुष्पा अशुद्ध हो जाता है और अशुद्ध पुष्प देवताओं को नहीं चढ़ाना चाहिए

अक्षत अर्पित करने के नियम-

पूजा करने के लिए पूजा की सामग्री में अक्षत का होना आवश्यक है तथा पूजा करते समय भगवान को अक्षत अवश्य चढ़ाएं अक्षत वह जो चावल बिना टूटा हुआ हो इस बात का ध्यान रखें कि देवताओं को चढ़ाया जाने वाला चावल हमेशा तीन बार धुला हुआ होना चाहिए क्योंकि एक बार धुला हुआ चावल पितरों को चढ़ाया जाता है!

तिलक का रखें ध्यान-

पूजा करते समय माथे पर तिलक होना जरूरी होता है क्योंकि बिना तिलक के पूजा व्यर्थ चली जाती है तथा हमें उसका फल भी प्राप्त नहीं होता है तथा इस बात का ध्यान रखें कि जो भी तिलक आपने लगाया हो उसे वापस भगवान को ना लगाएं क्योंकि वह तिलक जूठा माना जाता है भगवान का तिलक बिल्कुल शुद्ध होना चाहिए!

शंख या घंटी का नाद-

पूजा घर या मंदिर में शंख या घंटी का वादन अवश्य होना चाहिए क्योंकि बिना शंख या घंटी वादन के पूजा संपूर्ण नहीं मानी जाती मंदिर में कभी भी दो शंख नहीं होना चाहिए मंदिर में हमेशा एक ही शंख होना चाहिए अगर आप के मंदिर में दो शंख रखे हो तो आप एक शंख में चावल डालकर उसे लाल कपड़े में लपेट कर अपनी तिजोरी में लक्ष्मी के रूप में स्थापित कर दें शंख को कभी भी पृथ्वी पर ना रखें शंख के लिए आसन जरूर बिछाए और शंख को मंदिर में भगवान के दाएं तरफ रखें!

शंख की पूजा-

प्रातः काल पूजन शुरू करने से पहले शंख की पूजा अवश्य करें शंख को गंगाजल या शुद्ध जल से ॐ शंखाय नमः मंत्र से स्नान कराएं तथा शंख को कभी भी जल में डूबा कर स्नान नहीं कराना चाहिए क्योंकि शंख की पीठ का भाग अशुद्ध माना जाता है तथा शंख को कभी भी पृथ्वी पर नहीं रखना चाहिए शंख को हमेशा आसन पर रखिए और शंख को शंख मुद्रा में प्रणाम करें तथा शंख वादन जिस घर में होता है उस घर में साक्षात लक्ष्मी जी का वास होता है इसलिए पूजा करते समय शंख का वादन जरूर करें!

घंटी की महिमा-

शास्त्रों में कहा गया है जो भी भक्त भगवान की पूजा करते समय घंटी का नाद करता है उसके घर पर स्वयं परमात्मा का वास होता है और उस भक्त की पूजा स्वीकार होती है और मनोकामना भी पूर्ण होती है!

  • देवताओं के स्नान, धूप ,दीप के समय नैवेद्य, अर्पण करते समय, तथा निराजन के समय,और वस्त्र धारण, के समय बाएं हाथ से घंटी का नाद अवश्य करें!
  •  पूजन करने से पहले घंटी की भी पूजा अवश्य करें तथा घंटी को हमेशा आसन पर रखें और मंदिर में घंटी को भगवान के बाएं तरफ रखें!
ध्यान रखने योग्य बातें-

पूजा हमेशा मंत्रों के साथ ही करें अगर आपको मंत्र नहीं आते हैं तो केवल भगवान का नाम लेकर जैसे ॐ श्री गणेशाय नमः इस तरह आप भगवान का नाम लेकर के पूजा करें!

  • पूजन करते समय सर्वप्रथम सूर्य देव का पूजन करें तथा उसके बाद भगवान गणपति की पूजा करें उसके बाद देवियों की पूजा करें फिर भगवान शिव और उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें!
  • पूजा हमेशा ध्यान लगाकर तथा मन शांत रखकर पूजा करें और पूजा करते समय मौन ही रहे मौन अर्थात सांसारिक बातों को ना करते हुए पूजा करें सिर्फ मंत्रों का जाप करते हुए पूजा करें पूजन के अंत में आरती अवश्य करें क्योंकि पूजन में गलतियां सभी से होती हैं अंत में आरती जरूर करें आरती करने से सारी गलतियां भगवान माफ कर देते हैं!

हर हर महादेव

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